kanchan singla

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ओ संसार के मालिक....

ओ संसार के मालिक....

है हर कर्म का ज्ञाता तू
है हर मर्म का ज्ञाता तू
है हर दिन तुझसे
है हर शाम तुझसे
जो कहीं सवेरा हो
तेरी ही रोशनी से उजला हो 
तेरे ही बल से चले धरा और आकाश 
जीवन के कण कण में तू
तुझ से ही जीवन है 
प्राणवायु तू
बहता निर्मल जल है जो
सब तेरी माया है ।।

ओ संसार के मालिक....

तेरे ही चरणों में
मेरा जीवन गुजरता है
इक आस यही मेरा दिल
अब तुझ से रखता है 
मेरे हर छल को तोड़े तू
दे मुक्ति कर्म के बंधन से
ईर्ष्या और द्वेष के भावों को
नष्ट करता तू
मेरे मन को पावन करता
जलता दीपक तेरे चरणों का ।।

ओ संसार के मालिक....

संसार चलता तुझ से
संसार को चलाता तू
तू ही मालिक है
तू ही ईश्वर है
नश्वर जीवन का एकमात्र सहारा है
ओ मेरे संसार के मालिक 
अब तेरा ही भरोसा है
कर देना पार मुझे
इस डूबती जीवन नैया से।।


लेखनी प्रतियोगिता_20-Jul-2022
# कॉपीराइट_लेखिका - कंचन सिंगला©®


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8 Comments

Milind salve

21-Jul-2022 02:26 PM

बहुत खूब

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Punam verma

21-Jul-2022 09:22 AM

Nice

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Abhinav ji

21-Jul-2022 08:49 AM

Very nice👍

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